पेनोरमा फ़िल्म फेस्टिवल न्यूज़: दूसरे दिन पांच फिल्मो का प्रदर्शन।

सेवाग्राम,हम अपनी गंदगी साफ़ नहीं करेंगे तो कौन करेगा( लघु फ़िल्म),”मैंने गांधी को नहीं मारा”,”रोड टू संगम” “गांधी माई फादर” ( फीचर फ़िल्म) का प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर :
चंपारण सत्याग्रह शताब्द वर्ष 2017-18 के अवसर पर आयोजित पेनोरमा गांधी फ़िल्म महोत्सव के दौरान मुजफ्फरपुर के आम्रपाली सभागार में आज दूसरे दिन पांच फिल्में सेवाग्राम,हम अपनी गंदगी साफ़ नहीं करेंगे तो कौन करेगा( लघु फ़िल्म),
“मैंने गांधी को नहीं मारा”,”रोड टू संगम” “गांधी माई फादर” ( फीचर फ़िल्म) का प्रदर्शन किया गया।कला,संस्कृति एवं युवा विभाग के अतंर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन मुजफ्फरपुर के आम्रपाली सभागार में 29 अप्रैल से 01 मई तक किया जा रहा है।
इस अवसर पर मौजूद देवेन्द्र खंडेलवाल ने कहा कि गांधी जी आज भी हमारे बीच प्रासंगिक है। आज जरूरत है गांधी जी के विचारों को नए पीढ़ी के बीच पहुंचाने का। इसी क्रम में चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017-18 पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया है।

वहीं, आज दो लघु फिल्म “सेवाश्रम” “मैं अपनी गंदगी साफ़ नहीं करेंगे तो कौन करेगा” का प्रदर्शन किया गया। फिल्मो के शीर्षक के अनुसार ही इसकी कथावस्तु भी थी।
इसके साथ ही तीन फीचर फिल्मो का प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शित पहली फीचर फ़िल्म “मैंने गांधी को नहीं मारा” में एक ऐसे इंसान की मनोस्थिति को दिखाने की कोशिश की गई, जहां एक व्यक्ति को यह वहम हो जाता है कि उसने ही गांधी जी को मारा। साल 2005 में अनुपम खेर निर्मित व अभिनीत इस फिल्म को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत निर्देशक जहानु बरूआ ने बनाया था। फिल्म में पिता की बीमारी और बेटी के प्यार, समझदारी और पिता के इलाज को लेकर बेटी की प्रतिबद्धता की कहानी दिखाई गई है, जो अनेकों समस्याओं से जूझती है।

दूसरी फीचर फ़िल्म ‘रोड टू संगम’ थी। इस फिल्म में एक मुस्लिम मिस्त्री को उस कार की मरम्मत करनी है, जिसमें कभी महात्मा गांधी की अस्थियां रखी थी। अमित राय के निर्देशन में साल 2010 में बनी यह फिल्म एक मुस्लिम मैकेनिक की जिंदगी पर बनी है, जिसे फोर्ड कंपनी की इंजन कार को मरम्मत करने की जिम्मेदारी दी गई। मगर उसे नहीं पता था कि इसी गाड़ी में महात्मा गांधी की अस्थियां त्रिवेणी संगम में ले जाकर प्रवाह किया गया था। इसी समय हड़ताल होता है और वह असमंजस में पर जाता है। इस दौरान के दौर में मायनों को भी दिखाया गया। इस फिल्म में मशहूर अभिनेता परेश रावल और ओमपुरी का बेजोड़ अभिनय देखने को मिलता है।
तीसरी फीचर फ़िल्म “महात्मा गांधी और उनके सबसे बड़े पुत्र हरिलाल गांधी का एक अजीब रिश्ता है। अपने पिता के मानकों पर खरा उतरने में असमर्थ हरिलाल व्याकुल और जीवन में बिखर जाता है। 2007 में बनी और राष्ट्रिय पुरस्कार प्राप्त इस फ़िल्म का निर्माण अनिल कपूर ने किया और निर्देशक है। फिरोज अब्बास खान ।
इस दौरान देवेंद्र खंडेलवाल, सिप्पु कुमार सिन्हा,पी आर ओ सर्वेश कश्यप आदि लोग उपस्थित थे।——–सर्वेश कश्यप(पी आर ओ)


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Pallavi Kulkarni Charming Actress Of Bollywood & South... Posted by author icon admin Jan 9th, 2020 | Comments Off on Pallavi Kulkarni Charming Actress Of Bollywood & South