रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड (ग्वांस गाँव): हरीश सिंह नेगी, जो मूल रूप से उत्तराखंड के जिला रुद्रप्रयाग के ग्वांस गाँव से हैं, आज होटल इंडस्ट्री में एक सफल हेड शेफ के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। गरीब परिवार में जन्मे हरीश ने बचपन से ही कड़ी मेहनत, तपस्या और जिम्मेदारियों के साथ अपना जीवन बिताया। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
शुरुआत में हरीश अपने गाँव में घर-घर जाकर लेबर का काम करते थे। 12वीं कक्षा पास करने के बाद उन्होंने रोजगार की तलाश में होटल लाइन जॉइन की। पहले होटल में उन्होंने बर्तन धोने का काम किया, पर धीरे-धीरे अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने कुकिंग सीखी और एक समय आया जब वह शेफ बने। कुशलता, अनुभव और अनथक मेहनत के दम पर आज वह हेड शेफ के पद पर कार्यरत हैं।
हरीश बताते हैं कि उनके पिता श्री शूर सिंह नेगी, जो एक किसान हैं, ने बेहद कठिन परिस्थितियों में भी परिवार और बच्चों की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। उनकी मां श्रीमती विमला देवी, जो एक गृहिणी हैं, पढ़ी-लिखी न होने के बावजूद हर रोज सुबह 4 बजे उठकर हरीश की पढ़ाई के लिए चाय बनाती थीं ताकि वह जीवन में आगे बढ़ सकें। हरीश अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता और बहन के मार्गदर्शन को देते हैं।
हरीश का सपना इंडियन आर्मी में जाने का था, लेकिन चयन न होने के बाद उन्होंने होटल उद्योग को अपना करियर बनाया। उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज घिमतोली, रुद्रप्रयाग से पूरी की और वर्तमान में पुणे के एक प्रतिष्ठित होटल में नौकरी कर रहे हैं।
वह कहते हैं—
“आज मैं जो भी हूं, अपने माता-पिता, गुरुओं और उनकी दी हुई सीख की वजह से हूं। उनके आशीर्वाद ने ही मुझे यहाँ तक पहुँचाया है।”
हरीश सिंह नेगी आज न केवल सफल शेफ हैं, बल्कि कई युवाओं को होटल लाइन में ट्रेन कर चुके हैं। उनकी मेहनत, सकारात्मक सोच और संघर्ष की कहानी आज कई युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है।
हरीश सिंह नेगी – संघर्ष से सफलता तक का प्रेरक सफर