Aakanksha Nimonkar: The Power Within

This is not the first time the indie filmmaker and sought after socialite, Aakanksha Nimonkar, is back with an engrossing, riveting film. In 2015, her film “Main Tamanna” based on real life won her an international applause and critical acclaim. The film told a story of child abuse creating a wave of angst.

The film spurned a star studded fashion show, an event where acid victims donned the stage. Ace film producer and publisher of Gr8, Anu Ranjan, along with the famous designer Archana Kochhar together with Aakansha to put up an impressive event for garner awareness on this issue.

Today, Aakansha is soon launching her poetry book, “Vagaries of Power”, a soul stirring book which takes you through a journey from darkness to light. As a writer she has a very different taste and the poetry reveal a hidden mystery of the writer.

The book of poetry comes with a CD which is one of the first. The CD beautifully captures her poetry giving it a form and shape.  It is her unique idea to give vision to her imagination. In her poem, the writer weaves a heart rendering poetry of a woman saddened in unrequited love, but as she progresses, her poem do a volte-face with no reflection of the vulnerable human being she once was.  It is a compelling book of poetry telling us about a woman who grows from a heart broken soul to a strong and a powerful persona imbibing her energies through “Shiv-Shakti”.   The brilliant cinematographer, Anas Ali Khan comprehended the exact emotion of the poetry.  Drawing from his rich experience and with excellent execution, he was able to beautifully capture that essence into each frame.

Yet another first is that Aakansha is in the process of making an awe-inspiring film on her own poems.

On 16th July 2017, an event will be held to launch the poster of the book along with the teaser of the poetry which portrays different emotional stages in a woman’s life and her deep and dark journey into the abyss of life.

This launch will have an attraction, a fashion show like it was held in 2015.  It will be a star studded show to raise funds for the NGO.  Aakanksha believes in opening her “Naari Shakti, her divine energies to spread the light in the life of those who need it the most.

The show will be held all over India.  It will be hosted by Ms.Priya Choudhary, CEO of ‘Pink Eyes’, along with Aakanksha Nimonkar’s own film production house ‘The Third Eye’.

       

आकांक्षा निमोनकर : नारी शक्ति की एक मिसाल
ऐसा नहीं कि पहली बार किसी हिन्दुस्तानी फ़िल्मकार ने समाज सुधारक जैसे
विषय पर कोई फ़िल्म बनाया है. लेकिन आकांक्षा निमोनकर लेकर आई हैं एक बहुत ही दिलचस्प और मनोरंजक फ़िल्म मैं तमन्ना. यह फ़िल्म ‘2015’ की एक सच्चीघटना पर आधारित है. जो कि अंतररास्ट्रीय स्तर पर समीक्षों को द्वारा
ना केवल  सराही गई है बल्कि इस फ़िल्म को सम्मान भी मिला. यह फ़िल्म एक छोटे बच्चे के ‘शारीरिक उत्पीड़न’ की कहानी है. जिसने लोगों के दिल को हिला कर रख दिया.
यह फ़िल्म ‘एसिड अटैक’ व समाज से ठुकराए हुए एक बच्चे की कहानी पर आधारित है. मशहूर टीवी निर्माता व सामाजिक कार्यकर्ता अनुरंजन और मशहूर ड्रेस डिज़ाइनर अर्चना कोचर ने मिलकर आकांक्षा द्वारा इस प्रभावशाली घटना को लोगों तक पहुँचाने और जागरूक करने के लिए अंजाम दिया है. यह फ़िल्म न केवल समाज को प्रेरित करेगा बल्कि एक नयी दिशा भी देगा.
जल्दी ही आकांक्षा अपनी नयी कविता संग्रह वेगरी ऑफ पॉवर” जो जीवन को अँधेरे से रौशनी की तरफ़ ले जाने का प्रयास है, का विमोचन
करने वाली हैं. कवयित्री के रूप में आकांक्षा की ना केवल अनोखी शैली है
बल्कि उनकी कविताओं में एक कवयित्री के अन्दर छुपी हुई पहेली भी नज़र आती है.
पहली बार किसी कविता की किताब के साथ एक ‘सीडी’ भी शामिल है जिसमें उनकी कविताओं का बहुत ही सुंदर पाठ किया गया है. यह उनका ख़ुद का बेहतरीन अंदाज़ है अपने ख्यालों, अपनी बातों और सोच की झलक दीखाने का. अपनी कविताओं में उन्होंने एक औरत के एकतरफा प्रेम में टूटने और हताश होने का बड़ा ही मार्मिक प्रस्तुतीकरण किया है.
मगर जैसे-जैसे उनकी कवितायें गति पकडती है वैसे-वैसे औरत के अंदर की छुपी
शक्ति, अंतरआत्मा की शक्त जन्म लेती है. वह  बदलती है और गहन आघात और  चिंतन से एक नारी शक्ति का जन्म होता है.
आकांक्षा की किताब एक उदाहरण है उन तमाम प्यार में धोखा खायी और टूटी हुई
प्रेमिकाओं का जो अपने प्रेम के दर्द को ताक़त में बदल देती हैं और अपने भीतर के छिपी औरत और उसकी शक्ति को पहचानती है और डूबते डूबते फिर से उबर कर एक नये रूप में उठ खड़ी होती है. पूरी गरिमा और आत्मविश्वास के साथ जैसे – “शिव-शक्ति”
यह आकांक्षा द्वारा अपने आप में एक अनूठा प्रयास है अपनी ख़ुद की 
कविताओं की फ़िल्म के ज़रिये लोगों में एक उम्मीद जगाने का. आकांक्षा लाखों लडकियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं.
इसके अलावा आकांक्षा एक और पहल कर कर रही हैं कि अपनी कविताओं पर फ़िल्म बनाकर एक नये मार्ग की ओर अग्रसर हो रही हैं. जिससे वह अधिक से अधिक दर्शकों तक पंहुच सकें और अपनी कविता के माध्यम से उनमें जागरूकता ला सकें. आशावाद का सन्देश दे सकें. 
16th जुलाई 2017, को एक  कार्यक्रम  में कविताओं का पोस्टर लाँच किया
जायेगा जिसमें तस्वीरें भी संलग्न होगीं और साथ ही ‘सीडी’ भी होगा.  जिसमें फ़िल्म का टीज़र दिखाया जायेगा जो आपको अपने साथ साथ  एक महिला की अंतर्मन की गहनता की गहराइयों में ले जायेगा.
इस लाँच का मुख्य आकर्षण ‘2015’ की तर्ज़ पर किया एक फैशन शो होगा.  सितारों और मॉडल की चमक-दमक वाले इस शो का मुख्य उद्देश्य NGO के लिए धन उपार्जन है.
आकांक्षा अपनी नारी शक्ति का संचार उन सब में करना चाहती हैं जिन्हें इस
‘दिव्य ज्योति’ की नितान्त आवश्यकता है.
इस फ़िल्म का फ़िल्माकन किया है अनस अली ख़ान ने. जो कि ख़ुद एक मशहूर ‘सिनेमेटोग्राफर’ हैं. अपने कैमरे की लेंस से कविता को बहुत ही ख़ूबसूरती से फ़िल्म में उकेरा है जो कि उनका अपना अंदाज़ है और वह किसी पेंटिंग से कम नहीं. 
इस शो का आयोजन पूरे भारत में किया जायेगा जायेगा. इस शो का संचालन श्रीमती प्रिया चौधरी (सी.इ.ओ.) पिंक आईज़‘ करेंगी. यह पूरा कार्यक्रम आयोजन  आकांक्षा निमोकर के फ़िल्म प्रोडक्शन हाउस “दि थर्ड आई” की देख रेख में होगा.